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केजरीवाल ‘कांग्रेस’ की काट कैसे करेंगे ?

तीखी बात
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Arvind-Kejriwal दिल्ली के चुनावी मैदान में दिग्गजों को पछाड़कर 28 सीटों को पाने वाली आम आदमी पार्टी की नैया मझधार में फंसी थी तो केजरीवाल की टीम ने अपनी मझधार में फंसी नैया को पार लगाने के लिए जनता की रायशुमारी की डोर को थामा और केजरीवाल की इस अदा और सादगी ने जनता के दिल को लूट लिया और आज कई चुनौतियों को पार करके केजरीवाल की ताजपोशी होने जा रही है जिसमें देश के इतिहास में पहली बार जनता भी भागीदार रहेगी इस उम्मीद के साथ की केजरीवाल की सरकार बनते ही उसके दुःख दर्द दूर होंगे… कहते हैं न कि जब बेशक चारों तरफ से ठोकर मिली हो फिर भी एक उम्मीद की किरण दिए को दोबारा रोशन कर सकती है दिल्ली को केजरीवाल के रूप में वही दिया दिखाई दे रहा है जो दिल्ली को रोशन करने की मन में ठान कर आया है और आज जनता की उसी किरण यानि कि केजरीवाल की ताजपोशी है भले ही वो अल्पमत में हो लेकिन जनता की उम्मीद की डोर थामे हुए है अब हर किसी को इंतज़ार है बस ताजपोशी के तय समय 12 बजे का… जब एक नई तरह की राजनीति की शपथ केजरीवाल और उनकी पार्टी की तरफ से ली जाएगी नई राजनीति इसलिए क्योंकि ये आम आदमी की सरकार है नई राजनीति इसलिए क्योंकि ये जनता की उम्मीद है… जनता को एक नायक मिला है जो उसकी तरह ही रहेगा वो भी बिना सुरक्षा के… लेकिन कहते हैं न कि जब तक राहों में कांटे न बिछे हों तो उसे पार करने का अहसास भी नहीं होता और आम आदमी पार्टी की सरकार की राह में तो इतने कांटे बिछें हैं कि थोड़ा सा भी चूके तो लहुलुहान होना तय है जिसका केजरीवाल को अहसास भी है क्योंकि केजरीवाल जानते हैं कि कांग्रेस का हाथ उसके साथ जब तक है जब तक वो जनता से किए अपने वादे से बंधा है जिस दिन वो डोर खुल गई हाथ आप से अपना दामन छुड़ा लेगा और बीजेपी के भी साथ की उम्मीद बिल्कुल कम है तो ज़ाहिर है कि केजरीवाल अकेले हैं और उनके पास जीत पाने कि लिए बहुमत भी नहीं है तो दूसरी ओर जनता से आप के वादे ढेर सारे हैं तो ज़ाहिर है कि केजरीवाल ने कुछ तो मास्टर प्लान सोचा होगा क्योंकि बड़े से बड़े महल को ढहते देर नहीं लगती और ये तो सरकार है और वो भी अगर अल्पमत में हो तो उसके ढहने का डर हर पल सताता है तो ऐसे में सरकार का भविष्य अधर में है और वैसे भी केजरीवाल के साथी मनीष सिसौदिया कह चुके हैं कि उन्हें नहीं पता कि वो बहुमत दिखा पाएंगे या नहीं, उन्हें लगता है कि कांग्रेस सरकार को गिरा देगी तो ऐसे में जनता की रायशुमारी की डोर पकड़कर केजरीवाल कुर्सी तक तो पहुंच गए हैं लेकिन उस कुर्सी के चार पायों को टूटने से कैसे बचाते हैं ये देखने वाली बात होगी लेकिन एक सच और भी है कि जनता की उम्मीद केजरीवाल से बंधी है
shashank.gaur88@gmail.com

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