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दिल्ली की सियासत को झकझोर कर रख देने वाले अरविंद केजरीवाल जिन्होंने सत्ता के बारे में चली आ रही कहावतों को ऐसा तोड़ दिया है कि सारी बड़ी सियासी पार्टियों के होश फाखते रह गए हैं… कहते हैं कि जब हौंसले बुलंद हों तो कांटों पर से गुज़रने में डर नहीं लगता कुछ ऐसा ही अरविंद केजरीवाल ने किया है और धुरंधर नेताओं को सबक सिखाते हुए 17 महीने में ही दिल्ली की सत्ता को आम आदमी के हाथों में सौंप दिया.. जनता त्रस्त थी कभी बीजेपी को लाकर तो कभी कांग्रेस को लाकर लेकिन जब उसे एक विकल्प मिला तो उसने भी दिखा दिया कि वो उन सभी दकियानूसी बातों को दूर कर देगी जिनको कभी सत्ता के ठेकेदारों ने सोचा भी नहीं होगा कि दिल्ली की उम्मीद से जन्मे अरविंद केजरीवाल अब देश में परिवर्तन की दहलीज कहे जाने वाले रामलीला मैदान से 28 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं और वे इसके साथ ही एक नया इतिहास भी रच देंगे… इतिहास इसलिए भी रचेगा कि कभी राजनीतिक पार्टियों ने ये सपने में भी नहीं सोचा होगा कि एक पार्टी ज़मीन से उठकर इतनी जल्दी आसमान पर बैठ जाएगी और नेताओं के सिर पर भी सवार होकर नाचेगी … क्योंकि अब तक पार्टियां सत्ता को अपनी जागीर समझ बैठी थीं लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी ने जो स्ट्रोक लगाया है उससे सभी हिले हुए हैं कांग्रेस ने मजबूरी में आप को अपना हाथ तो थमा दिया लेकिन अब जब समर्थन पर कांग्रेस के अन्दरखाने विरोध शुरू हुआ है तो कांग्रेस अपने आप को चारों तरफ से फंसी हुई महसूस कर रही है और कहीं न कहीं अन्दरखाने विचार भी चल रहा है कि ये हाथ अब केजरीवाल से वापस कैसे लिया जाए लेकिन अब हाथ को तो आप ने पकड़ लिया है तो कांग्रेस अब उसे छुड़ाती है तो दिल्ली की जनता के सामने उसकी पोल खुल जाएगी अब तो आलम ये है कि कांग्रेस के लिए इस फांस को उगला भी नहीं जा सकता और निगला भी नहीं जा सकता इतना ही नहीं देश के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा कि समर्थन दे रही पार्टी के नेताओं के खिलाफ उसकी सहयोगी पार्टी पूरे लाव लश्कर के साथ जांच के लिए टूट पड़ेगी और समर्थन देने वाली पार्टी के सामने मुंह ताकने के सिवाय कोई चारा नहीं होगा और तो और आप के शिकार हुए नेता अपनी झल्लाहट एक बंद कमरे में निकालते रहेंगे
Shashank.gaur88@gmail.com
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