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प्यार की कोई समय – सीमा नहीं होती….

तीखी बात
तीखी बात
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velentine day अंग्रेजी सभ्यता में प्यार का सप्ताह कहे जाने वाले वेलेन्टाइन वीक चल रहा है इस दिन ज्यादातर युवा जोड़े वेलेन्टाइन मनाते हैं और जो अपने नए प्यार को ज़ाहिर करना चाहते हैं उन्हें वो लब्ज़ों में नहीं इस सप्ताह के दिनों के रिति रिवाज के हिसाब से इज़हार करते हैं प्यार का सप्ताह कहे जाने वाला ये सप्ताह वाकई सही मायनों में प्यार का सप्ताह है ये तो मैं नहीं जानता लेकिन मैं इतना मानता हूं कि प्यार किसी समय सीमा का मोहताज नहीं होता और उसे दिनों के बंधन में नहीं रखा जा सकता, लेकिन आजकल प्रेम की परिभाषा और तरीकें बदल गए हैं इस प्यार के हफ्ते के दिनों में प्यार करने वाले युवा जोड़े अपने दिल की बातों को खूब दिनों के हिसाब से इज़हार करते हैं लेकिन वो सिर्फ इस हफ्ते ही करते हैं या यही प्यार आगे भी बना रहता है ये सवाल ज़रूर है… प्यार तो युगों युगों से चला आ रहा है ऐसे कई किस्से हैं जिनमें सच्चा प्यार झलकता है उसमें सबसे अनूठा और उत्कृष्ट उदाहरण है भगवान श्री कृष्ण और राधा का, ऐसा प्यार करने वाले शायद ही कुछ लोग होते होंगे और शायद मुझे तो मिले ही नहीं…. प्यार एक वो शब्द है जिसे सुनकर कभी ममता झलकती है कभी पितृत्व झलकता है तो कभी पति पत्नी का प्यार झलकता है और एक दोस्ती से प्यार बदलने का इज़हार झलकता है लेकिन जिस संत वेलेंटाइन के नाम पर हम ये सप्ताह बनाते हैं उसने प्यार की परिभाषा क्या दी थी उन्होंने वेलेन्टाइन को एक सच्चा प्यार और सद्भाव से किया गया आचरण, नफरत को दूर कर प्यार सिखने का रास्ता करार दिया था उनका कहना था कि अगर कोई तुम्हें पत्थर मारे तो आप उसे फूल दो… कहा जाता है कि संत वेलेन्टाइन प्यार के मसीहा माने जाते थे वे इस धरती के किसी भी शख्स से नफरत नहीं रखते थे वे हर किसी से प्यार करते थे उनकी इस खास शख्सियत की वजह से ये वेलेन्टाइन डे मनाया जाता है लेकिन अंग्रेजी सभ्यता में इस प्यार के दिन को सात दिनों में विभाजित कर दिया जिसमें रोज डे, प्रपोज़ डे, चॉकलेट डे, टेडी डे, प्रॉमिस डे, हग डे, किस डे , और फिर बाद में वेलेंटाइन डे। इस तरीके से प्यार को इज़हार करने के लिए सात दीवारों को क्रॉस करके आना पड़ेगा लेकिन हमने तो सुना है सच्चे प्यार के बीच कोई दीवार नहीं होती लेकिन इस दीवारी परंपरा को देश का युवा वर्ग बहुत पसंद करता है कि उसका प्यार एक एक सीढ़ी करके चढ़े और उसे थोड़ा सा वक्त मिल सके तो उसे ज्यादा आनंद आता है। चलो कोई नहीं वैसे तो ये परंपरा भारतवर्ष में नई है लेकिन इस सप्ताह का भूत लोगों पर पूरे महीने चढ़ा रहता है लेकिन इस महीने एक और अनूठा संयोग बन रहा है जो प्यार को पीले रंग से जोड़ देगा क्यों कि जिस दिन 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे है उसी दिन यानि कि हिंदुओं का नई साल का कैलेंडर वर्ष भी शुरु हो रहा है जी हां आपने सही सोचा 14 फरवरी को बसंत पंचमी भी है और इस दिन प्यार का इज़हार किस तरह से होता है ये अपने आप में एक दिलचस्प होगा और इस सप्ताह की सीढ़ियां जब खत्म होगी तो नई साल के दरवाजे में हम प्रवेश करेंगे तो उम्मीद है कि पूरे साल के साथ पूरा जीवन सभी का प्यारमय रहे ।
shashank.gaur88@gmail.com

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